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Funny SMS | मज़ाकिया SMS
* अब्दुल हैदराबादी..
अम्मी मैं KBC से बोल रिया हूँ।
अब्बा का नाम क्या रे? आप्शन है.
सलमान, सुलेमान, सलीम, रहमान
अम्मी: सवाल कित्ते का रे?
अब्दुल: 5000
अम्मी: quit करके घर कु आजा।
5000 के वास्ते मुहल्ले में झगड़ा नक्को।
* अर्ज़ किया है:
वो कहती अपने भाइयों से, मेरे आशिक़ को यूँ ना पीटो;
ज़रा गौर फरमाइये:
वो कहती अपने भाइयों से, मेरे आशिक़ को यूँ ना पीटो;
बड़ा ज़िद्दी है ये कमीना, पहले कुत्ते की तरह घसीटो।
* क्या बताए ग़ालिब वो गुस्से में भी हम पे रहम कर गई;
लगाया कस के चांटा और सर्दी में गाल गरम कर गई।
* मेरे इश्क की बोलिंग ने उसके दिल की विकेट बहुत उम्दा तरीके से गिराई;
तकदीर ऐसी हमारी, अंपायर उसका बाप निकला, जिसने ऊँगली नहीं उठाई!
* धन से बेशक गरीब रहो पर दिल से रहना धनवान;
अक्सर झोपडी पे लिखा होता है सुस्वागतम;
और महल वाले लिखते है कुत्ते से सावधान।
* हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी, कि हर ख्वाहिश पे Rum निकले;
जी भर के कभी ना पी पाया, क्योंकि जेब में पैसे कम निकले।
* जब तुम अंगडाई लेते हो, हमारा दम निकल जाता है;
ऐ ज़ालिम, ये बता नहाने में तुम्हारा क्या जाता है।
* तेरे ग़म में तड़प कर मर जायेंगे;
मर गए तो तेरा नाम ले जायेंगे;
रिश्वत देकर तुझे भी बुलायेंगे;
तुम ऊपर आओगे तो साथ बैठकर कुरकुरे खायेंगे।
* हीर रो-रो कर रांझे से कह रही है;
हीर रो-रो कर रांझे से कह रही है;
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हाथ छोड़ कमीने मेरी नाक बह रही है।
* न वफ़ा का ज़िक्र होगा;
न वफ़ा की बात होगी;
अब मोहब्बत जिस से भी होगी;
राखी के बाद होगी।
* हमारे ऐतबार की हद ना पूछ ग़ालिब;
उसने दिन को रात कहा और हमने पैग बना लिया।
* तुम्हारी अदाओं पे मैं वारी-वारी;
तुम्हारी अदाओं पे मैं वारी-वारी;
क्या उधर लाइट आ री?
इधर तो आ री - जा री, आ री - जा री!
* ऐ दोस्त बांध ले कफन मे व्हिस्की की बोतल, कब्र मेँ बैठकर पिया करेगे;
इन लङकियो से तो मिली बेवफाई, अब चुड़ैलों से सेटिंग किया करेंगे!
* अर्ज़ किया है:
मेरे इश्क के बालिंग ने उसके दिल का विकेट गिरा दिया;
पर तक़दीर तो देखो, उसका बाप अंपायर निकला;
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मेरी बाल को "नो बाल" देकर फ्री हिट कर दिया!
* जो तुमको हो पसंद वही बात कहेंगे;
गौर फरमाइये:
जो तुमको हो पसंद वही बात कहेंगे;
क्योंकि हम पागलों से बहस नहीं करते।
* फ़िज़ाओं के बदलने का इंतजार मत कर;
आँधियों के रुकने का इंतजार मत कर;
पकड़ किसी को और फरार हो जा;
पापा की पसंद का इंतजार मत कर।
* तुम्हे जब देखा हमने तो यह ख्याल आया;
बड़ी जल्दी में रब था जब तुमको बनाया;
तुम्हे जब देखा रब ने तो वो भी घबराया;
बनाना क्या था मुझको है मैंने क्या बनाया।
* मेरे दोस्त तुम भी लिखा करो शायरी;
तुम्हारा भी मेरी तरह नाम हो जाएगा;
जब तुम पर भी पड़ेंगे अंडे और टमाटर;
तो शाम की सब्जी का इंतज़ाम हो जाएगा।
* ना वक्त इतना हैं कि सिलेबस पूरा किया जाए;
ना तरकीब कोई की एग्जाम पास किया जाए;
ना जाने कौन सा दर्द दिया है इस पढ़ाई ने;
ना रोया जाय और ना सोया जाए।
* धोखा मिला जब प्यार में;
जिंदगी में उदासी सी छा गई;
सोचा था छोड़ देंगे इस राह को;
कम्भख्त मोहल्ले में दूसरी आ गई।